... हमारा यह भी विश्वास है कि साम्राज्यवाद एक बड़ी डाकेजनी की साजि़श के अलावा कुछ नहीं। साम्राज्यवाद मनुष्य के हाथों मनुष्य के और राष्ट्र के हाथों राष्ट्र के शोषण का चरम है। साम्राज्यवादी अपने हितों, और लूटने की योजनाओं को पूरा करने के लिए न सिर्फ़ न्यायालयों एवं कानून को कत्ल करते हैं, बल्कि भयंकर हत्याकाण्ड भी आयोजित करते हैं। अपने शोषण को पूरा करने के लिए जंग-जैसे ख़ौफ़नाक अपराध भी करते हैं। जहॉं कहीं लोग उनकी नादिरशाही शोषणकारी मॉंगों को स्वीकार न करें या चुपचाप उनकी ध्वस्त कर देनेवाली और घृणा योग्य साजिशों को मानने से इनकार कर दें तो यह निरपराधियों का ख़ून बहाने से संकोच नहीं करते। शान्ति-व्यवस्था की आड़ में वे शान्ति-व्यवस्था भंग करते हैं। भगदड़ मचाते हुए लोगों की हत्या, अर्थात हर सम्भव दमन करते हैं।
-- भगतसिंह
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