नौजवान भारत सभा, बिगुल मज़दूर दस्ता, स्त्री मज़दूर संगठन और जागरूक नागरिक मंच क्रान्तिकारी शहीदों के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कल से एक माह का क्रान्तिकारी जागृति अभियान चलाएंगे। चन्द्रशेखर आज़ाद के शहादत दिवस 27 फरवरी से भगतसिंह के शहादत दिवस 23 मार्च तक चलने वाले इस अभियान का मकसद देशी-विदेशी पूंजी की लूट और शोषण के विरुद्ध संघर्ष के लिए मेहनतकश जनता को जगाना है।
भगतसिंह की बहादुरी और कुर्बानी के बारे में तो पूरा देश जानता है, लेकिन उनके विचारों को 1947 के बाद से लगातार दबाया जाता रहा है। भगतसिंह और उनके साथियों के लिए आज़ादी की लड़ाई का मतलब था, मज़दूर क्रान्ति के द्वारा मेहनतकश राज की स्थापना जिसमें उत्पादन, राजकाज और समाज के ढाँचे पर आम मेहनतकश जनता का नियंत्रण हो।
इस अभियान के दौरान दिल्ली के रोहिणी, बादली, नरेला, बवाना, शाहाबाद डेयरी, आदि इलाकों में नुक्कड़ सभाओं, साइकिल रैली, प्रभात फेरी, नाटकों, गीतों, चित्र प्रदर्शनी, घर-घर जनसंपर्क तथा पर्चा वितरण के द्वारा भगतसिंह का यह संदेश लोगों के बीच ले जाया जाएगा कि सच्ची आज़ादी के लिए नौजवानों को मज़दूरों-किसानों को जागरूक और संगठित करने की कठिन राह पर चलना होगा। भगतसिंह के इस विचार का प्रचार-प्रसार किया जाएगा कि मुट्ठीभर लोग हथियार उठाकर देश की तकदीर नहीं बदल सकते।
अभियान की शुरुआत 27 फरवरी की शाम राजा विहार, बादली में जनसभा और सांस्कृतिक कार्यक्रम से होगी। भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दिए जाने की 80वीं बरसी पर 21 से 23 मार्च तक रोहिणी, बादली और शाहाबाद के इलाकों में सघन कार्यक्रमों तथा मशाल जुलूस के साथ अभियान का समापन होगा। इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय स्त्री दिवस के अवसर पर 7 मार्च (रविवार) को राजा विहार में कामगार स्त्रियों की रैली तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। 14 मार्च को शाहाबाद डेयरी के इलाके में मज़दूरों की विशाल सभा तथा रैली की जाएगी और 15 से 19 मार्च तक नरेला, शाहपुर गढ़ी एवं भोरगढ़ इलाकों में साइकिल रैलियां, नुक्कड़ सभाएं और घर-घर जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।
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