28 Jun 2007

भगतसिंह ने कहा...

नौजवान भारत सभा, लाहौर का घोषणापत्र (एक अंश)





युवकों के सामने जो काम है, वह काफी कठिन है और उनके साधन बहुत थोड़े हैं। उनके मार्ग में बहुत सी बाधाएं भी आ सकती हैं। लेकिन थोड़े किन्‍तु निष्‍ठावान व्‍यक्तियों की लगन उन पर विजय पा सकती है। युवकों को आगे जाना चाहिए। उनके सामने जो कठिन एवं बाधाओं से भरा हुआ मार्ग है, और उन्‍हें जो महान कार्य सम्‍पन्‍न करना है, उसे समझना होगा। उन्‍हें अपने दिल में यह बात रख लेनी चाहिए कि ''सफलता मात्र एक संयोग है, जबकि बलिदान एक नियम है।'' उनके जीवन अनवरत असफलताओं के जीवन हो सते हैं ' गुरू गोविन्‍दसिंह को आजीवन जिन नारकीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, हो सकता उससे भी अधिक नारकीय परिस्थितियों का सामना करना पड़े। फिर भी उन्‍हें यह कहकर कि अरे, यह सब तो भ्रम था, पश्चाताप नहीं करना होगा।




नौजवान दोस्‍तो, इतनी बड़ी लड़ाई में अपने आपको अकेला पाकर हताश मत होना। अपनी शक्ति को पहचानो। अपने ऊपर भरोसा करो। सफलता आपकी है।

23 Jun 2007

सामाजिक सरोकार रखने वाले सभी संवेदनशील नागरिकों, छात्रों-युवाओं, बुद्धिजीवियों से एक अपील

मित्रो,
एक छात्र-युवा पूर्णकालिक सामाजिक कार्यकर्ता एक सड़क दुर्घटना के बाद मौत से जूझ रहा है।
योगेश स्वामी (24 वर्ष) नौजवान भारत सभा, दिल्ली के कार्यकर्ता हैं। शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के 75वें शहादत दिवस (23 मार्च, 2005) से भगतसिंह जन्मशताब्दी वर्ष के समापन (28 सितम्बर, 2008) के बीच के तीन वर्षों के दौरान क्रान्तिकारियों के विचारों के व्यापक प्रचार-प्रसार और नई सामाजिक क्रान्ति के आह्वान के लिए चलाई जा रही 'स्मृति संकल्प यात्रा' में वह पूर्णकालिक तौर पर सक्रिय थे। इसी यात्रा के दौरान वह अपनी प्रचार टोली के साथ एक अभियान पर निकले हुए थे जब गत 19 जून की सुबह दिल्ली के वजीराबाद पुल के पास अंधाधुंध रफ्तार से आती एक जीप ने उन्हें टक्कर मार दी। प्रचार टोली के दो और साथी आशीष और योगेश कुमार भी गम्भीर रूप से जख्मी हुए हैं पर वे खतरे से बाहर हैं।
योगेश स्वामी को गम्भीर हालत में सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर लाया गया जहां बदइन्तज़ामी और लापरवाही के चलते कई घण्टे बाद पता चला कि उनके मस्तिष्क में गहरी चोट है और तत्काल उनके मस्तिष्क का अत्‍यन्त जटिल ऑपरेशन करना पड़ेगा। उसके बाद उन्हें फौरन गंगाराम अस्पताल ले जाया गया जहां उनके मस्तिष्क के दो ऑपरेशन हो चुके हैं। उनके सिर की हड्डी बुरी तरह टूट गई है और मस्तिष्क में गहरी चोट आई है। मस्तिष्क से खून के थक्के दो बार हटाए जा चुके हैं पर रक्तस्राव पूरी तरह रुका नहीं है। अभी तक वे अचेत हैं और डॉक्टरों का कहना है कि अभी उनके कई और ऑपरेशन करने पड़ेंगे। सर्जरी के बाद भी उन्हें कुछ महीने अस्पताल में रहना पड़ेगा और उसके बाद मस्तिष्क और शरीर सामान्य स्थिति में आने तक उनका महीनों लम्बा और बेहद खर्चीला इलाज चलेगा।
योगेश स्वामी के परिवार में सिर्फ उनके तीन भाई हैं और वे सभी नौजवान भारत सभा के समर्पित कार्यकर्ता हैं।

पिछले 6-7 वर्षों से योगेश सामाजिक-सांस्कृतिक कार्रवाइयों में सक्रिय रहे हैं। भूमण्डलीकरण- उदारीकरण की नीतियों के विरुद्ध चलने वाले अभियानों-आन्दोलनों में वे बढ़चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं को लेकर चलने वाले आन्दोलनों से लेकर नागरिक समस्याओं के समाधान के लिए या पुलिस दमन-उत्पीड़न के विरुद्ध चलने वाले आन्दोलनों तक में वे हमेशा अगली कतार में रहे हैं। मजदूर इलाकों में राजनीतिक शिक्षा तथा सामाजिक सुधार के कामों से भी वे जुड़े हुए हैं। वे युवा सांस्कृतिक टोली 'विहान' के भी सक्रिय सदस्य हैं तथा छात्रों-युवाओं से जुड़े मसलों पर पत्र-पत्रिकाओं में लिखते रहे हैं।
तरुणाई के दिनों से ही सामाजिक बदलाव के लक्ष्य के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले इस नौजवान के जीवन की हर कीमत पर रक्षा करने के लिए हम कृतसंकल्प हैं। पर हमें इसमें आपका सहयोग चाहिए। हम सामाजिक सरोकार रखने वाले सभी संवेदनशील, प्रबुद्ध नागरिकों, छात्रों, युवाओं, बुद्धिजीवियों से अधिकतम संभव आर्थिक मदद करने के लिए पुरजोर अपील कर रहे हैं। आप अपना सहयोग मनीआर्डर द्वारा या दिल्ली में देय चेक या ड्राफ्ट द्वारा 'जय पुष्प' के नाम से भेज सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप इन नम्बरों, ईमेल और पतों पर सम्पर्क कर सकते हैं :


अभिनव : 09213243755, शिवानी : 09911055517, सत्यम : 09312967616


ईमेल : smriti.sankalp@gmail.com, abhinav_disha@rediffmail.com, satyamvarma@gmail.com

अभिनव सिन्हा समन्वय डेस्क, स्मृति संकल्प यात्रा
दिशा छात्र संगठन द्वारा , सत्यम
ए-67, क्रिश्चियन कॉलोनी सी-74, एसएफएस फ्लैट्स,
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली-110007 सेक्टर-19, रोहिणी, दिल्ली-110089