5 Sept 2008

स्‍मृति संकल्‍प यात्रा का अंतिम चरण

नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन की तरफ से भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के 75वें शहादत वर्ष से लेकर भगतसिंह की जन्‍मशताब्‍दी वर्ष तक चलने वाली स्‍मृति संकल्‍प यात्रा के अंतिम चरण के तौर पर 28 अगस्‍त, 2008 से 28 सितम्‍बर, 2008 तक एक महीने का सघन क्रान्तिकारी प्रचार अभियान देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में जोर शोर से चलाया जा रहा है। स्‍मृति संकल्‍प यात्रा के समाप्‍त हो जाने के बाद भी ये संगठन क्रान्तिकारी विचारों को देश के कोने कोने में फैलाने की मुहिम जारी रखेंगे। पिछले तीन वर्षों के दौरान इस क्रान्तिकारी यात्रा का देश की आम जनता ने सहर्ष स्‍वागत किया और नौजवानों और इंसाफपसंद नागरिकों की इस मुहिम को सहयोग किया। भगतसिंह के विचारों की प्रासंगिकता को आज के दौर में लोगों ने और भी गंभीरता से महसूस किया।

छात्रों, नौजवानों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और नागरिकों के एक छोटे से समूह के साथ शुरू हुई यह यात्रा आज देश के कई हिस्‍सों में फैल चुकी है। यात्रा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने पर्चों, पस्तिकाओं, गीतों, नाटकों और हर संभव तरीके से देश की आम मेहनतकश आबादी के बीच क्रान्तिकारियों के विचारों का प्रचार प्रसार किया और अपने देश की उस सच्‍ची क्रन्तिकारी विरासत से लोगों को परिचित किया हमारे देशी हुक्‍मरानों ने आजादी के बाद से जिसे विस्‍मृति की गर्त में धकेलने का हर संभव प्रयास किया। देश की आम जनता तक भगतसिंह के विचारों को ले जाना आज और भी जरूरी है ताकि लोग समझ सकें कि भगतसिंह किस आजादी की बात करते थे और कांग्रेस के रास्‍ते से मिलने वाली आजादी के बारे में उन्‍होंने जो कुछ कहा था वह सब कितने नग्‍न रूप में आज हमारे सामने मौजूद है। देश और दुनिया के हालात हमें सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि जब तक सत्ता मेहनतकश वर्गों के हाथ में नहीं आ जाती जबतक उत्‍पादन और राजकाज पर देश की बहुलांश आबादी का अधिकार नहीं हो जाता तबतक असली आजादी हासिल नहीं की जा सकती।
स्‍मृति संकल्‍प यात्रा के अंतिम चरण में नौजवानों की टोलियां गली मुहल्‍लों, बस्तियों कारखानों और गांव गांव जाकर सीधे आम जनता के बीच क्रान्तिकारी विचारों का प्रचार कर रही हैं, भगतसिंह के संदेश को लोगों तक पहुंचा रही हैं। इस अभियान के तहत यात्रा टोलियां गली मोहल्‍लों में प्रभात फेरियां करती हैं, बसों, ट्रेनों, चौराहों और बाजारों में प्रचार अभियान चलाती हैं घर घर जाकर लोगों को जागृत करती हैं। अपने अपने क्षेत्रों में कार्यकर्ता परिचर्चाएं, गोष्ठियां और सेमिनार आयोजित करते हैं। क्रान्तिकारियों के जीवन से जुड़ी पुस्‍तकों और पोस्‍टरों की प्रदर्शनियां लगाते हैं। नुक्‍कड़ नाटकों, क्रान्तिकारी गीतों और अन्‍य सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला लगातार जारी है। इस दौरान अनेक क्षेत्रों में नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन की इकाइयां गठित की गईं और नौजवानों ने क्रान्तिकारी विचारों पर चलने का संकल्‍प लिया। जेल की काल कोठरी से देश के नौजवानों के नाम भगतसिंह का यही अंतिम संदेश था।

हम सभी इंसाफपसंद लोगों से यह अपील करते हैं कि जन्‍मशताब्‍दी वर्ष के समापन के अवसर पर भगतसिंह और उनके सभी साथी क्रान्तिकारियों को सच्‍ची श्रद्धांजलि देने के लिए वे भी स्‍मृति संकल्‍प यात्रा के तहत किए जाने वाले कार्यक्रमों में भागीदारी करें और इस आन्‍दोलन को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव सहयोग करें।

स्‍मृति संकल्‍प यात्रा के अंतिम चरण में रोज रोज चलाये जा रहे क्रान्तिकारी प्रचार अभियानों के अलावा क्रान्तिकारी विरासत से संबंधित कुछ महत्‍वपूर्ण पुस्‍तकों का विमोचन किया जायेगा पुस्‍तक और पोस्‍टर प्रदर्शनियां आयोजित की जायेंगी तथा अन्‍य कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। इन कार्यक्रमों की नियमित जानकारी के लिए कृपया इस ब्‍लाग को देखते रहें।

1 comment:

shameem said...

bhagat singh ke vicaron ke bare main jankar accha laga